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आकाश के गीत, वर्षा का लेखन

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निर्जल धरती पर छाए हुए गहरे पर्वतों की आवाज़ सुनकर, मानो सांसें में एक नया ताजगी भर https://saulwejw683767.mpeblog.com/60692027/ब-दल-क-स-ग-त-वर-ष-क-कव-त

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