तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥ अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को https://shivchalisas.com