इस सवाल के जवाब में पीसी झा कहते हैं, "बेशक चंपई सोरेन अपनी दावेदारी पेश कर सकते थे. इसे शक की निगाह से देखने की ज़रूरत नहीं है. उन्हें चंपई सोरेन के लोकप्रिय होने का एक ख़तरा हो सकता था." हांव म्हज्या आवय-बापायक, शिक्षकांक आनी सगळ्या वडीलांक मान दितलों/लीं आनी https://www.samridhbharat.in/